पंचायत समिति सदस्य की हत्या
हज़ारीबाग/जन की बात
बड़कागांव प्रखंड के गोंदलपुरा का पंचायत समिति सदस्य जोराकाठ निवासी मोहन महतो (33) की हत्या कर दी गई। मोहन का शव जोराकाठ जंगल में मिली, घरवालों का कहना है कि बीते कल यानी 13 सितंबर की शाम 6 बजे वह मुर्गी फार्म गया था। वहां उसे मवेशी को बांधना था। जब वह मुर्गी फार्म पहुंचा तभी कुछ लोग वहां आ धमके। मोहन को उठाकर अपने साथ ले गये। मोहन कल रात घर भी नहीं लौटा। घरवालों ने उसे हर संभावित ठिकानों पर खोजा, पर उसका कुछ पता नहीं चल पाया। आज सुबह में मोहन का शव जोराकाट जंगल में मिली। यह जंगल हजारीबाग के बड़कागांव थाना क्षेत्र में है। मोहन के शव को देख कयास लगाया जा रहा है कि उसे करंट लगाकर मौत के घाट उतारा गया है। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं। फिलहाल पुलिस छानबीन में जुट गई है।
हजारीबाग: जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के गोंदलपुरा पंचायत के जोराकाठ में पंचायत समिति सदस्य मोहन महतो का शव खेत में मिलने से सनसनी फैल गई. परिजनों ने अज्ञात लोगों पर निर्मम हत्या का आरोप लगाया है. हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई. आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया. सूचना मिलते ही बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद घटनास्थल पर पहुंची और मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाया. उन्होंने पुलिस से इस पूरे मामले का जल्द खुलासा करते हुए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही.
पुलिसमृतक मोहन की पत्नी सरिता ने बताया कि रोजाना की तरह बुधवार की शाम लगभग 6:00 बजे मोहन महतो जानवरों को बांधने के लिए चरही रोड के किनारे स्थित अपने पोल्ट्री फार्म में गए हुए थे. देर रात तक वे घर नहीं पहुंचे तो उनसे फोन से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन उनका फोन किसी ने भी नहीं उठाया. फोन नहीं उठाने पर मोहन महतो की पत्नी ने गांव वालों को पूरी जानकारी दी. जिसके बाद गांव वाले रात भर चारों ओर मोहन को ढूंढ़ते रहे. लेकिन कहीं कोई जानकारी नहीं मिली.
गुरुवार को कुछ ग्रामीणों ने जोराकाठ के मांझी टोला खेत में मोहन के शव को देख कर सभी को सूचना दी. सूचना पाते ही मोहन के परिजन सहित गांव वाले घटना स्थल पहुंचे. शव के पास दो मोबाइल बरामद किए गए हैं. मोहन के पैर में बिजली के करंट का निशान और चेहरे पर खून लगा हुआ है.
ग्रामीणों ने पुलिस को शव उठाने से रोका:घटना की जानकारी मिलने के बाद बड़कागांव पुलिस मौके पर पहुंची. लेकिन ग्रामीण और परिजन काफी आक्रोशित थे. मामले का खुलासा करने और मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने घटनास्थल पर पहुंची पुलिस अधिकारियों को शव नहीं उठाने दिया. उनकी मांग थी कि हजारीबाग उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के द्वारा लिखित रूप से मृतक की पत्नी को नौकरी और बच्चों के परवरिश के लिए मुआवजा दे. स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी कैसे सुरक्षित होगा. पुलिस प्रशासन अपराध को रोकने में पूरी तरह से नाकाम है. प्रखंड के पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द मामले का उद्भेदन कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई का दिया भरोसा:
पुलिस निरीक्षक अनिल कुमार और थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हर एक बिंदु से छानबीन कर मामले का जल्द से जल्द उद्भेदन किया जाएगा. घटना की जानकारी के बाद बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद घटनास्थल पर पहुंची और परिजनों को ढांढस बंधाया. मौके पर पहुंची बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद को देखकर मृतक की पत्नी लिपट कर रोने लगी. विधायक ने आश्वासन दिया है कि निश्चित रूप से दोषियों को पकड़ कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही विधायक ने आश्वासन दिया कि जो भी हमारी तरफ से मदद हो पाएगी, वह जरूर करेंगे।