पति के शव का अंतिम दर्शन करने जेल से आई खारिया देवी
दहेज हत्या में साथ सजा काट रहे महावीर साव की मौत
जन की बात/गिरिडीह
समय कभी-कभी बहुत विचित्र तस्वीर पेश करता है जीवन मे। जमुआ थाना अंतर्गत चकमन्जो पंचायत के गांडो निवासी खारिया देवी के साथ भी कुछ ऐसा हीं हुआ। खारिया देवी अपने पति महावीर साव के साथ बीते एक वर्ष से गिरिडीह जेल में सजा काट रही है। वर्ष भर बाद मंगलवार को उसके कदम अपने गांव और घर की दहलीज पर पड़े जरूर लेकिन परिस्थितियां बहुत बिषम थी। हमेशा साथ रहने वाला, बुढ़ापे का सहारा उसका पति उससे बहुत दूर जा चुका था जहां से कोई वापस नहीं आता। वो आईं…..अपने गांव न्यायिक प्रतिरक्षा के साथ अपने प्राण प्रिये को अंतिम विदाई देने। फिर उसे वहीं उसी काल कोठरी में चले जाना है जहां रहने की सजा मुकर्रर कर दी है हाकिम ने। आंसुओं से लबरेज आंखें और पूरा चेहरा सराबोर। वर्तमान ब्यवस्था पर लाल उसकी आंखें लेकिन सहमी सी। अपने पति के शव को देखती रही निहार कर मानो अब उसे उठने को कहेगी। …..फिर निस्तेज होती उसकी आंखें। अफसोस के भाव की वो चला गया इन बंधनो से पार बहुत दूर और मैं रह गई! बिल्कुल शांत! खामोश! तभी जेल से साथ आये कर्मियों ने जल्दी करने को कहा। वापस जाना है फिर…
जमुआ थाना कांड संख्या 135/2014 में दहेज हत्या में बंद महाबीर साव की मौत रांची में ईलाज के क्रम में हो गई। महाबीर साव का शव को अंतिम संस्कार के लिए मंगलवार को उसके गांव गांड़ो में लाया गया। बताया जाता है पिछले 2014 में खारिया देवी की छोटी बहू बेबी देवी की मौत घर में आग लगने से हो गई थी। बहु बेबी देवी के पिता डोमचांच थाना के शिवसागर गांव निवासी भागवत साव(पिता नृपत्र साव) ने जमुआ थाना में एक आवेदन देकर खारिया देवी के पूरे परिवार के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इस कांड में खारिया देवी का पुत्र अजय साव कोर्ट से जमानत ले बाहर है। लेकिन खारिया देवी और उसके पति महाबीर साव को जमानत नहीं मिली। पिछले दिनों खिरिया देवी के पति महाबीर साव की तबियत जेल में खराब हो गई। गिरिडीह में इलाज के बावजूद तबियत ठीक नहीं होने पर गिरिडीह कोर्ट के आदेश पर बेहतर ईलाज के लिए उसे रांची रिम्स में ले जाया गया। लेकिन रांची में बीते सोमवार को उसका निधन हो गया।