अज्ञात निष्ठुरों ने जिंदा नवजात को गड्ढे में फेंका, पुलिस ने भेजा चाइल्डस हेल्पलाइन सेंटर
देवरी/जन की बात
इंसान कितना निष्ठुर हो सकता है……इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है……. कभी-कभी हैवानियत में हम जानवरों को भी कोसों पीछे छोड़ देते है…. मानवता को शर्मसार करने वाला और इंसानियत को लज्जित करने वाला कुछ ऐसा हीं दृश्य गिरिडीह के देवरी थाना क्षेत्र के गमहारडीह स्थित अस्गंदो मैदान में दिखा…… लोगों ने देखा तो दांतों तले अंगुलियां दबा ली…….कि आख़िर कोई जननी इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है…….अपने कलेजे के टुकड़े को कोई यूं मौत के हवाले कर सकता है क्या……रविवार अहले सुबह गड्ढे में एक नवजात बच्ची मिलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी सी फैल सी गई है….जितनी ज़ुबान उतनी हीं बातें…… कुछ लोगों ने बताया कि असगंदो मैदान की ओर सुबह शौच जाने के क्रम में एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी…….. जिसके बाद हमलोग ढूंढकर गड्ढे में पड़े चादर को हटाकर देखा……तो चादर में एक नवजात बच्ची पड़ी हुई थी…..जिसके बाद हमलोगों ने हो हल्ला कर अन्य ग्रामीणों को बुलाया व पुलिस को इसकी सूचना दी……..इधर सूचना मिलते ही देवरी थाना एसआई अजय सोय एवम् चतरो कैंप के एसएसबी जवान जेडी पप्पू गुप्ता और भाटी मेजर मौके पर पहुंचकर उक्त बच्ची को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवरी ले गए……..बच्ची को उसी गांव की एक निःसंतान दंपती गोद भी लेना चाहा…….. लेकिन फिलवक्त प्राथमिक उपचार के बाद उक्त नवजात शिशु को चाइल्डस हेल्पलाइन सेंटर तीसरी को सौंप दिया गया है…….प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह एक बाइक पर दो पुरुष व एक महिला को देखा गया जो इस बच्ची को यहां रखकर चले गए…….
बहरहाल इस घटना से उस अज्ञात परिवार के प्रति लोगों में जबरदस्त आक्रोश है।
हम तो सिर्फ़ इतना कहेंगे कि…
मातृशक्ति यदि नही बची तो
बाकी यहाँ रहेगा कौन?
प्रसव वेदना, लालन-पालन
सब दुःख-दर्द सहेगा कौन?
मानव हो तो दानवता को
त्यागो
फिर ये उत्तर दो
इस नन्ही से जान के दुश्मन को
इंसान कहेगा कौन?
इस नन्ही सी जान के दुश्मन को
इंसान कहेगा कौन…..