झारखण्ड ने अस्तचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य
जन की बात/रांची
झारखण्ड वासियों ने बुधवार को छठ पर्व का पहला अर्घ्य अस्तचलगामी भगवान भाष्कर को दिया। इस अवसर पर आस्था के महापर्व पर अद्भुत छटा दिखाई दी। घाटों पर उमड़े सैलाब के बीच व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों पर भी पर्व मनाया।
रांची से लेकर गिरिडीह और दुमका, साहेबगंज तक हर तरफ छठ का उल्लास दिखाई दिया। लोग अपने-अपने घरों से दोपहर से पहले ही घाटों की ओर जाते दिखाई दिये।
गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के मिर्जागंज का जलीय सूर्य मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यहां जमुआ विधायक केदार हाजरा, जमुआ बीडीओ अशोक कुमार, सीओ द्वारिका बैठा इत्यादि ने भगवान दिवाकर को अर्घ्य दिया। छठव्रतियों और खासकर बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और समिति के लोग पूरी तरह से एलर्ट दिखे। बार बार ध्वनिविस्तारक से इस सम्बंध में लोगो को निर्देश देने का कार्य चलता रहा। इस अवसर पर मंदिर का दृश्य देखते हीं बन रहा था।इलेक्ट्रॉनिक बल्बों की लड़ियों ने मंदिर की छटा को और चार चांद लगा दिया था।
चार दिनी पर्व के तीसरे दिन शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है, जिसके बाद व्रती अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके साथ ही चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर के आंगनों, बगीचों और छतों पर भी सूर्य को अर्घ्य दिया। घर पर पानी जमा कर उसमें उतरकर व्रती महिलाओं ने फलों से भरा सूप उठाया और सूर्य को अर्पित किया। यह इस भावना के साथ है कि जिस सूर्य ने हमें अन्न दिया हम सबसे पहले उसे श्रद्धा भाव के साथ अर्पित कर रहे हैं। पूरे अनुशासन के साथ। निर्जला की सात्विकता के साथ।