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खामोश हो गई इसरो काउंटडॉन की आवाज

खामोश हो गई इसरो काउंटडॉन की आवाज

वैज्ञानिक वलारमथी अब नहीं रही

दिल्ली/जन की बात

ISRO (भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन) के वैज्ञानिक और एजेंसी के रॉकेट काउंटडाउन लॉन्च के पीछे की वह प्रतिष्ठित आवाज जिसे आप हर लॉन्च मिशन में सुनते थे अब वह थम गई है. दरअसल, ISRO के वैज्ञानिक एन वलारमथी अब हमारे बीच नहीं रहीं. उन्होंने 64 वर्ष की आयु में दो सितंबर यानी शनिवार की शाम चेन्नई में अंतिम सांस ली. जानकारी के मुताबिक, मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है.

आपको बता दें, 14 जुलाई 2023 को भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन यानी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के वक्त पूरे देश ने जिस काउंटडाउन को सुना था. वह घोषणा वैज्ञानिक एन वलारमथी ने ही की थीं वलारमथी की प्रतिष्ठित आवाज अब श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की काउंटडाउन की घोषणा नहीं करेगी. उनके निधन की खबर से न सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय बल्कि आम जनता को काफी दुखी कर दिया है लोग उन्हें सोशल मीडिया हैंडल X पर श्रद्धांजलि देते हुए नमन कर रहे हैं. बता दें, एन वलारमथी देश के पहले स्वादेशी रडार इमेजिंग सेटेलाइट RISAT की परियोजना निदेशक भी थीं.

हार्ट अटैक से हुआ निधन

जानकारी के मुताबिक, इसरो की वैज्ञानिक वलारमथी के निधन की वजह हार्ट अटैक का होना बताया जा रहा है. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के समय वैज्ञानिक वलारमथी ने ही उल्टी गिनती की थी. उनके अचानक निधन की खबर पाकर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वेंकटकृष्ण ने दु:ख जताया है. वैज्ञानिक एन वलारमथी के न होने की खबर के बाद इसरो के मैटेरियल और रॉकेट विनिर्माण विशेषज्ञ और निदेशक डॉ. पी वी वेंकट कृष्णन (सेवानिवृत्त) ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि “वलारमथी मैडम की आवाज श्री हरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की काउंटडाउन के लिए नहीं होगी. चंद्रयान-3 उनकी अंतिम काउंटडाउन थी. एक अप्रत्याशित निधन. बहुत दुख हो रहा है. प्रणाम!”

30 जुलाई को वलारमथी ने की थी अंतिम घोषणा

वैज्ञानिक एन वलारमथी तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वाली थीं. उन्होंने 30 जुलाई को आखिरी घोषणा की थी, जब पीएसएलवी-सी56 रॉकेट एक वाणिज्यिक मिशन के तहत सिंगापुर के सात उपग्रहों को लेकर रवाना हुआ था.

जानें कब लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3

  • 14 जुलाई को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया था. जिसके बाद चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर सफलता पूर्वक लैंडिंग की थी. बता दें चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की है. चांद पर लैंडिंग के साथ ही भारत ने पूरे विश्व में इतिहास रच दिया है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत अब दुनिया का पहला देश बन गया है.
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