खेलो झारखंड प्रतियोगिता में हुए बवाल को लेकर जमुआ बीईइओ को स्पष्टीकरण
डीईईओ ने 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा
जमुआ में खेलो झारखंड प्रतियोगिता में पदाधिकारियों की लापरवाही सामने आई
जमुआ/जन की बात
जिला शिक्षा अधिकारी नीलम टोप्पो द्वारा एक पत्र जारी कर जमुआ प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। कहा गया है कि 24घंटे के अंदर जवाब देना सुनिश्चित करें। गौरतलब हो कि बीते बुधवार को प्रखंड के मिर्जागंज स्थित स्टेडियम में खेलो झारखंड प्रतियोगिता में छात्रों के दो गुटों के बीच में जमकर लात घुसे चले थे। ख़ासकर कुछ बाहरी युवकों द्वारा प्रखंड के तारा स्थित झारखंडनाथ उच्च विद्यालय तारा के छात्रों की जमकर पिटाई की गई थी। प्रतियोगिता के दौरान स्टेडियम में किसी पदाधिकारी का उपस्थित न रहना भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा था। इस खबर को हिंदुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीलम टोप्पो ने प्रतियोगिता को लेकर पहले से जारी एक पत्र(1360) का उल्लेख करते हुए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से यह पूछा है कि प्रतियोगिता को सुचारू रूप से संपन्न कराने की जिम्मेवारी आपको थी। फिर ऐसे में प्रतियोगिता में भाग लेने आए एक विद्यालय के छात्रों को बाहरी तत्वों द्वारा कैसे मारपीट की गई।
पदाधिकारियों की लापरवाही से प्रतियोगिता असफल रहा
जामुआ के मिर्जागंज स्टेडियम में आयोजित खेलो झारखंड प्रतियोगिता में पदाधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आई। प्रतियोगिता में प्रखंड भर के बच्चों को बुला लिया गया लेकिन प्रतियोगिता स्थल पर न प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गए और न हीं प्रखंड के अन्य कोई पदाधिकारी। जमुआ बीपीओ गए तो थोड़ी देर रहकर निकल गए। बताया जाता है कि प्लस टू कक्षा के दो गुट के छात्रों में आपस में किसी बात को लेकर भिडंत हो गई।….और देखते देखते दोनों ओर से लात घुसें चलने शुरू हो गए। कई छात्रों को बेरहमी से पिटाई की गई। बताया जाता है कि प्रतियोगिता से इतर कुछ बाहरी छात्र भी स्टेडियम में मौजूद थे। कुछ छात्रों द्वारा एक छात्र को पूरे स्टेडियम में दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया और लोग देखते रहे। बताया जाता है कि किसी तरह किसी अभिभावक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को घटना के सम्बंध में सूचना दी गई। जिला शिक्षा पदाधिकारी जमुआ बीईईओ और जमुआ पुलिस को सूचना दी तब जाकर पुलिस ने मामले को शांत करवाया। लेकिन तब तक बाकी प्रतिभागी अपनी जान बचाकर स्टेडियम से निकल चुके थे। न बाकी के खेल हो पाए और न हीं पारितोषिक का वितरण हो पाया। बताया जाता है कि जमुआ के तमाम पदाधिकारी बुधवार को किसी एनजीओ की मीटिंग में व्यस्त रहे वो बच्चों की प्रतियोगिता में भाग लेना और देखना अपनी जिम्मेवारी नहीं समझा।
कार्यक्रम में लचर व्यवस्था थी
कुछ अभिभावकों ने नाम नहीं छपने की शर्त पर बताया कि पूरे कार्यक्रम में अव्यवस्था बनी रही। न तो बच्चों के लिए ढंग से भोजन की व्यवस्था की गई थी और न हीं धूप से बचने के लिए कोई इंतजाम था। पदाधिकारियों को एक दिन पहले हीं झगड़े की सूचना थी बावजूद वो बड़े क्लास के छात्र छात्राओं को स्टेडियम बुलाकर खुद गायब रहे। बताया यदि मौके पर जमुआ पुलिस नहीं पहुंचती तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी।