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तेज रफ्तार का कहर : एक हीं परिवार के पांच की मौत

तेज रफ्तार का कहर : एक हीं परिवार के पांच की मौत

धनबाद/जन की बात

सड़के हाईटेक बन जाती है लेकिन लोग संभलते नहीं है। सभी को जल्दी जाने की जल्दी होती है। रफ़्तार का कहर मंगलवार को एक परिवार को उजाड़ हीं दिया। मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे गोविंदपुर थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर कालाडीह मोड़ पुलिया के समीप हादसे में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मरनेवालों में शकील अख्तर (55), उनकी पत्नी रविउन निशा (51), पुत्र वसीम अकरम (27), बहू खालिदा फिरदौस (22) और मासूम पौत्र अयान अकरम (3) शामिल हैं। बताया जाता है कि पूरा परिवार मारुति स्विफ्ट डिजायर कार से रामगढ़ के मांडू थाना क्षेत्र के बारुघुटु, घाटोटांड़ से एक शादी समारोह में भाग लेने पश्चिम बंगाल के आसनसोल, वर्णपुर जा रहा था।

सभी एक ही गाड़ी में सवार होकर रामगढ़ से सुबह चार बजे निकले थे। ख़बर है कि कार की रफ्तार करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा थी। रफ्तार तेज होने के कारण ही घटनास्थल पर अचानक कार असंतुलित हो गई और करीब 70 मीटर चौड़ी जोरिया पुल से हवाई जहाज की तरह उड़ते हुए उस पार पेड़ से जा टकराई। दुर्घटना में कार के परखच्चे उड़ गए। यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि उसमें सवार सभी पांच लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। हादसे के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए।सूचना पाकर स्थानीय पुलिस पहुंची।

दुर्घटना इतनी भयानक थी कि पुलिस को कार और लाश को निकालने के लिए हाइड्रा की मदद लेनी पड़ी। हाइड्रा के सहयोग से कार को उठाया गया। ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस ने शवों को कार से बाहर निकाला। मृतकों के पास से मिले आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर से उनके नाम और घर का पता चला। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को मोबाइल से घटना की सूचना दी। सूचना मिलते रामगढ़ एवं आसनसोल समेत कई अन्य जगहों से कई परिजन पहुंच गए। सभी एसएनएमएमसीएच स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। फिर गोविंदपुर थाना आकर घटना की जानकारी ली। शकील अख्तर के छोटे पुत्र जाहिर राजा ने थाना में मामला दर्ज कराया।

शकील अख्तर जामाडोबा टाटा में कार्यरत थे। ये लोग मूलरूप से बिहार के छपरा जिला अंतर्गत ताजपुर के बसही गांव के रहने वाले थे। शवों की मिट्टी मंजिल पैतृक गांव बसही में ही होगी। शकील अख्तर का मृतक बड़ा पुत्र वसीम अकरम गुजरात में एक कंपनी में इंजीनियर था। शादी में भाग लेने ही वह 20 नवंबर को गुजरात से रामगढ़ आया था। वसीम के खानदान में दो पुत्रों में सिर्फ छोटा पुत्र जाहीर राजा ही बचे हैं। वह जमशेदपुर में कार्यरत हैं। शादी समारोह में भाग लेने के लिए वह भी 24 नवंबर को आसनसोल पहुंचने वाले थे। शकील की एक पुत्री भी है, जो शादीशुदा है। वह भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं।

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