जन की बात/रांची
सोमवार को तीन भाकपा माओवादियों ने राज्य पुलिस के पदाधिकारियों के समक्ष खुद को सरेंडर किया। एरिया कमांडर बैलून सरदार, सूरज सरदार उर्फ गाजू, सूरज की पत्नी रायमुनी कुमारी उर्फ गीता मुंडा ने राज्य पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर, रांची डीआईजी पंकज कंबोज, चाईबासा डीआईजी असीम विक्रांत मिंज, जगुआर डीआईजी अनूप बिरथरे, सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश, एएसपी अभियान पुरुषोत्तम कुमार की मौजूदगी में रांची स्थित डीआईजी कार्यालय में सरेंडर किया।
ये सभी एक करोड़ के इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल के मारक दस्ते में बीते चार सालों से सक्रिय थे।
तीनों उग्रवादियों ने बताया कि संगठन में आदिवासियों और महिलाओं का शोषण होता है।
अमोल वी होमकर ने बताया केंद्रीय कमेटी सदस्य पतिराम मांझी रांची, सरायकेला- खरसांवा, खूंटी व चाईबासा जिला के सीमावर्ती इलाके में पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। आज की घटना से उसे नुकसान हुआ है। हालांकि अभी भी ट्राइजंक्शन एरिया में कई उग्रवादी बचे हुए हैं। पुलिस खोज, छापेमारी, तलाशी में लगी हुई है। सामुदायिक पुलिसिंग का अभियान चलाया जा रहा है।
सरेंडर करने वाले माओवादियों को नियमतः सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। वैसे सभी पर कई आपराधिक मामले बैलून सरदार के खिलाफ खरसावां, कुचाई में कुल 11 मामले, दो हत्याकांडों में वह आरोपी रहा है। गाजू उर्फ सूरज सरदार के खिलाफ तीन हत्या समेत 9 नक्सल कांड वहीं रायमुनी पर भी हत्या के एक समेत सात नक्सल कांड सरायकेला जिले में दर्ज हैं। जिसके लिए सभी को न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना होगा।
सरेंडर किये नक्सलियों ने बताया कि काफी पहले संगठन छोड़ देना चाहता था, कुछ परिस्थितियों के कारण ऐसा नहीं हो पाया था। गीता मुंडा ने संगठन में हीं गाजू उर्फ सूरज सरदार से विवाह की थी। बताई संगठन में महिलाओं का बहुत शोषण होता है।