ममता ने लगाई कांग्रेस में सेंध, कीर्ति आजाद और अशोक तंवर टीएमसी में शामिल
दिल्ली/जन की बात
कांग्रेस नेता व मशहूर क्रिकेटर कीर्ति आजाद और अशोक तंवर ने टीएमसी का दामन थामा है। दोनों नेताओं के टीएमसी में शामिल होने पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘बीजेपी को हराना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।’ ममता बनर्जी ने इस दौरान भाजपा को हराने का मंत्र भी दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मैं हरियाणा जाना चाहती हूं। मैं वहां जल्दी जाऊंगी…टीएमसी ज्वाइन करने वाले अशोक तंवर ने मुझे निमंत्रण दिया है। बीजेपी को हराना हमारी प्रथामिकता है…जय हिन्दुस्तान, जय हरियाणा, जय बंगाल, जय गोवा…राम राम!’
इससे पहले कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ज्वाइन कर लिया है। नई दिल्ली स्थित आवास पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कीर्ति आजादा का पार्टी में स्वागत किया। टीएमसी ज्वाइन करने के बाद कीर्ति आजाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश में बंटवारे की राजनीति कर रही है और इस वक्त देश को किसी ऐसे राजनेता की जरुरत है जो देश को सही दिशा में ले जा सके।
कीर्ति आजाद ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ममता बनर्जी में नेतृत्व करने की वो क्षमता है इसलिए मैंने टीएमसी ज्वाइन करने का फैसला किया।’ बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवता झा आजाद के बेटे कीर्ति आजाद दरभंगा से तीन बार सांसद रह चुके हैं। साल 2019 में कीर्ति आजाद ने कांग्रेस ज्वाइन किया था और इससे पहले वो भाजपा के साथ थे।
क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद को साल 2015 में भाजपा में सस्पेंड कर दिया गया था। कीर्ति आजाद ने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली पर दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।
वहीं 45 साल के अशोक तंवर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। हरियाणा के सिरसा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। साल 2019 में तंवर ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा था औऱ उन्होंने ‘अपना भारत मोर्चा’ बनाया। कहा जाता है कि हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर के बीच कड़वे रिश्तों की वजह से ही उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कहा था।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी चार दिनों के दिल्ली दौरे पर हैं। इस दौरान बनर्जी के कई विपक्षी नेताओं से मिलने और 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए अपनाये जा सकने वाले तरीकों पर चर्चा करने की संभावना है। ममता अपने दिल्ली आने पर हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करती हैं। हालांकि, कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस बार शायद सोनिया गांधी से ना मिलें।