कोरोना के नए वेरिएंट से विश्व समुदाय चिंतित
दिल्ली/जन की बात
कोरोना के नए वेरिएंट विश्व समुदाय के लिए चिंता का विषय है। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक सलाहकार समिति ने ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार’ करार दिया है और ग्रीक वर्णमाला के तहत इसे ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की ओर से शुक्रवार को की गई यह घोषणा पिछले कुछ महीनों में वायरस के नए प्रकार की कैटिगरी में पहली बार की गई है। डेल्टा वेरिएंट की तरह इसे भी इसी कैटिगरी का माना जा रहा है। डेल्टा वेरिएंट का प्रसार दुनियाभर में हुआ था और भारत में भी दूसरी लहर के लिए इसे जिम्मेदार बताया गया।
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस इवोल्यूशन पर तकनीकी सलाहकार समूह की एक आपातकालीन बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा, ”कोविड -19 महामारी विज्ञान में एक हानिकारक परिवर्तन का संकेत प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर, टीएजी-वीई ने डब्ल्यूएचओ को सलाह दी है कि इस संस्करण को चिंता के प्रकार (वीओसी) के रूप में नामित किया जाना चाहिए और डब्ल्यूएचओ ने बी.1.1529 को इस रूप में नामित किया है। इस वीओसी का नाम ‘ओमीक्रॉन’ है।
वर्तमान र्सास-कोव-2 पीसीआर डायग्नोस्टिक टूल कोरोना के इस नए प्रकार का पता लगाने में सक्षम है। बयान में कहा गया, ”कई प्रयोगशालाओं ने संकेत दिया है कि एक व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले पीसीआर परीक्षण के लिए, तीन लक्ष्यों में से एक का पता नहीं चला है (इसे एस जीन ड्रॉपआउट या एस जीन लक्ष्य विफलता कहा जाता है) और इसलिए इस परीक्षण को इस प्रकार के लिए मार्कर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
“विश्व समुदाय सतर्क”
इस नई मुसीबत के कारण विश्व के अन्य देशों ने अपने नागरिकों को दक्षिण अफ्रीका से आवागमन में रोक लगा दिया है। अमेरिका, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, चेक गणराज्य, कनाडा ने भी घोषणा की कि उसने उन विदेशी यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। उड़ाने बंद कर दिया है। इन देशों में जिन्होंने पिछले 14 दिन में अफ्रीका के दक्षिणी भाग की यात्रा करने वाले सभी नागरिकों की जांच भी अनिवार्य होगी। सभी को पृथक-वास में रहने और कोविड संक्रमण की जांच कराने को कहा गया है