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नटराज चौक के पास दंपती लूट की घटना का गिरिडीह पुलिस ने किया उद्भेदन

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नटराज चौक के पास दंपती लूट की घटना का गिरिडीह पुलिस ने किया उद्भेदन

 कोढ़ा गिरोह के दो अपराधियों को गिरिडीह पुलिस ने दबोचा,चोरी की बाइक भी बरामद

एसपी ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी, कहा बैंक ग्राहकों की रैकी कर घटना को देते थे अंजाम

 

गिरिडीह/जन की बात

गिरिडीह पुलिस ने शनिवार को मकतपुर एसबीआई से रूपये निकाल कर घर लौट रहे मरकच्चो के दंपती से लूट मामले का उद्भेदन कर लिया है। शनिवार को प्रेसवार्ता के माध्यम से एसपी दीपक कुमार शर्मा और डीएसपी संजय राणा के साथ नगर थाना प्रभारी प्रशांत कुमार ने पूरे मामले की जानकारी दिया। इस दौरान एसपी ने बताया की शहर के नटराज चौक में हुए लूट मामले ने नगर थाना पुलिस ने दो अपराधी को दबोचा है। जबकि एक बाइक के साथ एक पैड मोबाइल और गाड़ी की डिक्की तोड़ने वाले औजार को भी बरामद किया है। दोनो अपराधियों के पास से पुलिस ने आठ हजार नगद बरामद किया है। वहीं दोनो के पास से जब्त बाइक बजाज पल्सर बाइक भी चोरी की है। इसी चोरी के बाइक से बीते 18 अगस्त को बिहार के कटिहार के कोढ़ा थाना इलाके के जुराबगंज निवासी सिंटू यादव और मनीष यादव ने मिलकर गिरिडीह लूट की घटना को अंजाम दिया था।

एसपी श्री शर्मा ने बताया की दोनांे बेहद शातिर अपराधी है। दोनों अपराधियों का गिरोह एक इंटरस्टेट गिरोह है। गिरोह में कई ओर भी अपराधी शामिल है , जिन्हें दबोचने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि गिरोह का कार्यक्षेत्र गिरिडीह के साथ-साथ देवघर समेत अन्य कई जिले है। बताया की कटिहार के कोढ़ा थाना इलाके के इस गिरोह के कुछ अपराधी पहले भी गिरिडीह में कुछ घटनाओं में जेल जा चुके है। इसमें सिंटू यादव के भी शामिल होने की बात सामने आई है। लेकिन सिंटू यादव देश की राजधानी दिल्ली के बाराहिंदू राव थाना इलाके से जुड़े साल 2019 में एक अपराधिक घटना को अंजाम देने के आरोप में दिल्ली जेल में है।

पुलिस की माने तो कटिहार के कोढ़ा थाना से जुड़े होने के कारण इस गिरोह की पहचान कोढ़ा गिरोह से हुई, लेकिन गिरिडीह समेत अन्य जिलों में इस गिरोह के अपराधी बैंक ग्राहकों को अपना टारगेट बनाते थे। ये सीसीटीवी फुटेज खंगालने और गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के आधार पर सामने निकल कर आया है। बैंक में आने जाने वाले हर ग्राहकों पर इस गिरोह के अपराधी रेकी करते। रेकी सिर्फ एक दिन नही, बल्कि, लगातार चार पांच दिन किया करते। फिर जिस ग्राहक को टारगेट करना रहता। उसके पीछे बैंक से निकलने के बाद पड़ते और फिर जहा मौका मिलता, वहां उसे लूट कर फरार हो जाते। गिरफ्तारी के बाद पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि ये बैंक में किसी एक ग्राहक को अपना टारगेट नही बनाते थे। बल्कि, हर ग्राहकों पर इन अपराधियो की नजर होती थी।

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