होम गिरिडीह समर्पण और भाईचारे के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का पर्व छठ

समर्पण और भाईचारे के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का पर्व छठ

0

समर्पण और भाईचारे के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का पर्व छठ

घाटों और गलियों की की गई विशेष सफ़ाई और सजावट

प्रशासन रहा मुस्तैद

गिरिडीह/जन की बात

कोविड-19 की ख़ौफ़ के साये बाहर, झारखण्ड में लोक आस्था का पर्व छठ का गुरुवार उदयगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ समापन हो गया। गिरिडीह के जमुआ के हरला तालाब, बदडीहा के माहतो आहार, पुरेनिया आहार, रेम्बा, हिरोडीह, बाटी, खरगडीहा, टीकामगहा, नवडीहा, धुरेता, पोबी, चरघरा, परगोडीह, झारोनदी समेत सभी छठ-घाटों में श्रद्धालुओं और छठव्रतियों की जबरदस्त उपस्थिति रही लेकिन अपने उत्कृष्ट कलाकृति, निर्मल जल, स्वच्छय घाट और सजावट की वज़ह से जलीय सूर्य मंदिर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। सुंदर व स्वच्छय घाटों की ब्यवस्था, प्रकाश की अभूतपूर्व सजावट, समिति और स्थानीय प्रशासन की ततपरता के कारण यहां सभी छठव्रती पूरे इत्मीनान और समर्पण भाव से भगवान भाष्कर की दोनों अवस्थाओं को अर्घ्य अर्पित कर नमन किया। कोविड-19 के ख़ौफ से उबर कर लोग यहां झारखण्ड के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार, बंगाल, जम्मू, छत्तीसगढ़ से भी छठ पर्व में शामिल होने आए।

 

मुस्लिम भाई, बहनों का भी आकर्षण का केन्द्र रहा जलीय सूर्य मंदिर

समय-समय पर सम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारा का भी नज़ारा यहां दिखा। वैसे तो प्रखंड के कई स्थानों में मुस्लिम समुदाय के भाईओं द्वारा भी छठ की डलिया सजाने की ख़बर है लेकिन जलीय सूर्य मंदिर की छटा ने इस बार मुस्लिम भाई-बहनों को भी मंदिर आने को प्रेरित किया। खरगडीहा मुखिया चीना खान, मो. इक़बाल व अन्य कई मुस्लिम भाई भी मंदिर की ब्यवस्था में सहयोग करते नज़र आए।

 

“निशुल्क दूध और चाय-बिस्कुट का लगा स्टॉल”

कोरोना के प्रकोप से इतर यहां निःशुल्क दूध, और चाय इत्यादि के भी स्टॉल लगे। प्रत्येक वर्ष यहां टफकॉन स्टील परिवार के तरफ से जहां अर्घ्य के दोनों दिन अर्घ्य के लिए गाय का निःशुल्क दूध की ब्यवस्था व नवयुवक समिति, जगन्नाथडीह की ओर से अर्घ्य के पश्चात निशुल्क चाय-बिस्कुट की ब्यवस्था रहती है।

 

प्रशासन रहा अलर्ट

इस क्रम में खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार, जमुआ बीडीओ अशोक कुमार, सीओ द्वारिका बैठा, जमुआ थाना प्रभारी प्रदीप दास व उनकी टीम इत्यादि ब्यवस्था में सहयोग करते दिखे। ब्यवस्था बनाये रखने में मंदिर समिति के अध्यक्ष सदानन्द साव, सचिव उमेश लाल साव, कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, नवीन साव, लक्ष्मण राय, बी.के. चौरसिया, विनोद दाराद, उमेश राम गुप्ता, विजय राम, चुरामन राम, रामलखन वर्मा, नागेश्वर सिंह, बसंत राम, विजय गुप्ता, राजेन्द्र राम, नवीन गुप्ता, राकेश कुमार इत्यादि की विशेष भूमिका रही।

कोई टिप्पणी नहीं है

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!
Exit mobile version