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मिड डे मील में एक अरब का घोटाला

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मिड डे मील में एक अरब का घोटाला

ईडी ने शुरू की जांच

रांची/जन की बात

झारखंड सरकार के मिड डे मील योजना में तकरीबन एक अरब का घोटाला हुआ है। मिड डे मील योजना के बैंक खाते से 100 करोड़ रुपये के अवैध ट्रांसफर की जांच प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने शुरू कर दी है। सोमवार की दोपहर ईडी की टीम ने अरगोड़ा के बसुंधरा इंक्लेव के दसवें तल्ले पर स्थित भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी के आवास व अरगोड़ा के ही शिवदयाल नगर स्थित बसंत रेसीडेंसी स्थित दफ्तर में छापेमारी की। ईडी संजय कुमार तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

गौरतलब है कि सितंबर 2017 में धुर्वा स्थित एसबीआई के मिड डे मील के खाते से 100 करोड़ रुपये का ट्रांसफर भानु कंस्ट्रक्शन के 34 अलग- अलग खाते में कर दिया गया था। पूरा मामला सामने आने के बाद भानु कंस्ट्रक्शन के संजय कुमार तिवारी, सुरेश कुमार और एसबीआई की हटिया शाखा के पूर्व उप प्रबंधक अजय उरांव के खिलाफ धुर्वा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। दिसंबर 2017 में इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की थी।

ईडी सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई जांच में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद ईडी ने इस मामले में अलग से प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत मनी लाउंड्रिंग की एफआईआर दर्ज की और इसके बाद अपनी कार्रवाई शुरू की। ईडी की टीम ने घंटो बसुंधरा इंक्लेव में छापेमारी की। मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने छापेमारी के दौरान बैंक खातों व निवेश से जुड़े कागजात जब्त किए हैं।

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई से जुड़े केस में संजय कुमार तिवारी पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगी है। लेकिन ईडी के मनी लाउंड्रिंग के केस में उन पर कार्रवाई हो सकती है।

छापेमारी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों की स्क्रूटनी ईडी के द्वारा की जा रही है। साल 2017 के बाद भानू कंस्ट्रक्शन के कामकाज व निवेश की जानकारी भी ईडी जुटा रही है। सीबीआई जांच में दोषी पाए जाने के बाद ही ईडी ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर जांच शुरू की।

मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद एसबीआई 76.29 करोड़ रुपये वापस लेने में सफल रहा था। लेकिन 23.290 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो पायी थी। जानकारी के अनुसार 5 सितंबर 2017 को एसबीआई स्थित खाते से बैंक आफ इंडिया के कई खातों में 120 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिए स्थानांतरित किए गए थे। लेकिन इसमें से सिर्फ 20 करोड़ का ट्रांसफर सही खाते में हुआ था।

सीबीआई की शुरुआती जांच में यह बात सामने आयी थी कि स्टेट बैंक आफ इंडिया से बैंक आफ इंडिया के खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाने के दौरान हटिया ब्रांच के तत्कालीन उप प्रबंधक अजय उरांव ने गलती की। अजय उरांव की गलती की वजह से ही 34 खातों में पैसे ट्रांसफर हुए थे। इस मामले में शुरुआती जांच में दोषी पाते हुए बैंक ने अजय उरांव को निलंबित कर दिया था। अजय उरांव को भी सीबीआई ने अपने केस में दोषी पाया है।

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